Jagat ke rang kya dekhoon tera deedar kaafi hai जगत के रंग क्या देखूं तेरा दीदार काफी है
By
Vinod Agrawal
jagat ke
rang kya dekhun tera deedar kafi hai
karun
main pyaar kis kis se tera ek pyaar kafi hai
nahin
chahie ye duniyaan ke, nirale rang dhang mujhko -2
nirale
rang dhang mujhko
chali
jaaon main vrindavan, tera darbar kafi hai
jagat ke
rang…………….
karun main
pyaar……..
jagat ke
saaj baajon se, hue hain kaan ab bahre -2
hue hain
kaan ab bahre
kahaan
jaake sunoon anhad, teri jhankaar kafi hai
jagat ke
rang…………….
karun main
pyaar……..
jagat ki
jhoothi raushani se, hain aankhein bhar gayi meri -2
hain
aankhein bhar gayi meri
meri
aankhon mein ho hardam, tera chamkaar kafi hai
jagat ke
rang…………….
karun main
pyaar……..
jagat ke
rishtedaaronn ne, phailaya jaal maaya ka -2
phailaya
jaal maaya ka
tere
santon se preeti ho, yahi pariwar kafi
hai
jagat ke
rang…………….
karun main
pyaar……..
कृष्ण भजन
गायक:विनोद अग्रवाल
रेरेरे मेध ध-ध धध मेपमे मेमेग रेगध-ध
मे ग रे
जगत के- रं-ग क्या- दे-खूं तेरा- दीदा-र काफी है
रेरे- मेध ध-ध धध
मेप मे मेमेग रेग ध-ध
मे ग रे
करूँ- मैं- प्या-र किस-किस से तेरा- एक प्यार काफी है
रेंरें रेंरेंनीरें
नी ध नी रें
नीध ध धनी नीरेंनी धधध
नहीं चाहिए ये दुनियां के, निराले रंग ढं-ग मुझको -2
धधधधमेग धध धमेमे ग रे रे
निराले रंग ढं ग मुझको
रेरे- मेधध ध धधमेपमे
मेमेग
रेगध-ध मे ग रे
चली जाऊँ मैं वृंदावन, तेरा दरबार काफी है
जगत के रंग…………….
करूँ मैं प्यार ……..
जगत के साज बाजों से, हुए हैं कान अब बहरे -2
हुए हैं कान अब बहरे
कहाँ जाके सुनूं अनहद, तेरी झंकार काफी है
जगत के रंग …………….
करूँ मैं प्यार ……..
जगत की झूठी रौशनी से, हैं आँखें भर गयी मेरी -2
हैं आँखें भर गयी मेरी
मेरी आँखों में हो हरदम, तेरा चमकार काफी है
जगत के रंग …………….
करूँ मैं प्यार ……..
जगत के रिश्तेदारों ने, फैलाया जाल माया का -2
फैलाया जाल माया का
तेरे संतों से प्रीति हो, यही परिवार काफी है
जगत के रंग …………….
करूँ मैं प्यार ……..
excellent and besr possible
ReplyDeletebest possible
ReplyDelete