शंकर भोले नाथ
डिमक
डिमक डिम डमरू बाजे
शिव भजन ताल: कहरवा |
गायक: शर्मा बंधू कोर्ड: सागप सा=C# |
विडियो लिंक: https://youtu.be/ud2yo9_nSyE?si=ZHRoDd3NRqXBY4IB
भवानी शंकरौ वन्दे श्रद्धा विश्वास रूपिणं
याभ्यां विनान पश्यन्ति सिद्धा स्वान्तस्थमरीश्वरम
डिमक डिमक डिम डमरू बाजे, शंकर जी कैलाश विराजे,
संग में अंग भवानी राजे, ॐ नमः शिवाय -3
बड़े भोले हैं बड़े भोले हैं,
अपने भक्तों के लिए
अपने कृपा के खजाने सदा खोले हैं सदा खोले हैं
पाप हारी हैं पाप हारी हैं
शरणागत के लिए
शिव के रूप ये सदा सुखकारी हैं सुखकारी हैं
चन्दन सोहे माथे ऊपर, सुर-सरी की जटा जूटधर
जिनसे बहती गंगा छल छल, ॐ नमः शिवाय -3
बैठे रहते हैं बैठे रहते हैं
अपनी मस्ती में लिए
नाग गले में लिए कथा कहते
हैं, कथा कहते हैं
आँखें ऐसी हैं आँखें ऐसी हैं
थोड़ी लाली लिए
आधी आधी खुली ये कंज जैसी हैं कंज जैसी हैं
कोई कहता भंग पिये हैं, कोई कहता ध्यान दिये हैं
राम भक्ति का नशा किये हैं, ॐ नमः शिवाय -3
मुंड माला है मुंड माला है
गले में ये पहने
रूप के क्या कहने डमरू वाला है डमरू वाला है
इनकी महिमा का इनकी महिमा का
सभी करते बखान हम भी करते हैं गान
इनकी करुणा का इनकी करुणा का
तेरे दर पे सदा भिखारी, हम पर कृपा करो त्रिपुरारी
रघुबर भक्ती दे दो प्यारी, ॐ नमः शिवाय -3
ॐ नमः शिवाय -3
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