1. A
अम्बे तू है जगदम्बे काली ‘लक्खा’
दुर्गा आरती ताल: कहरवा |
गायक: लखबीर सिंह ‘लक्खा’ कोर्ड: सागप सा=C |
विडियो लिंक: https://www.youtube.com/watch?v=neizrXAKNiw
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सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके
शरण्ये त्रियाम्बिके गौरी नारायणी नमोस्तुते
अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली
तेरे ही गुण गायें भारती
ओ मैया हम सब उतारें तेरी आरती
तेरे जगत के भक्त जनन पर भीड़ पड़ी है भारी माँ
दानव दल पर टूट पड़ो माँ करके सिंह सवारी
सौ-सौ सिहों से तू बलशाली, अष्ट भुजाओं वाली
दुष्टों को पल में संहारती
ओ मैया हम सब उतारें तेरी आरती
अम्बे तू है जगदम्बे काली...
माँ-बेटे का है इस जग में बड़ा ही निर्मल नाता
पूत-कपूत सुने हैं पर ना माता सुनी कुमाता
सब पे करूणा दर्शाने वाली, अमृत बरसाने वाली
दुखियों के दुखड़े निवारती
ओ मैया हम सब उतारें तेरी आरती
अम्बे तू है जगदम्बे काली....
नहीं मांगते धन और दौलत, ना चांदी ना सोना
हम तो मांगें माँ तेरे मन में इक छोटा सा कोना॥
सबकी बिगड़ी बनाने वाली, लाज बचाने वाली
सतियों के सत को संवारती
ओ मैया हम सब उतारें तेरी आरती॥
अम्बे तू है जगदम्बे काली....
चरण शरण में खड़े तुम्हारी, ले पूजा की थाली
वरद हस्त सर पर रख दो माँ संकट हरने वाली
माँ भर दो भक्ति रस प्याली, अष्ट भुजाओं वाली
भक्तों के कारज तू ही सारती
ओ मैया हम सब उतारें तेरी आरती
अम्बे तू है जगदम्बे काली.....