Wednesday, April 3, 2024

#64 YOGINI TEMPLE, HIRAPUR, #ODISHA


#64 YOGINI TEMPLE, HIRAPUR, #ODISHA

20 km from main Bhubaneshwar
54 Km from Puri




Local tour bus from Puri do not go there. You have to plan your personal visit there.

रक्त बीज राक्षस के रक्त की जितनी बूंदें धरती पर गिरती थी उतने नए राक्षस पैदा हो जाते थे.
ऐसा उसने ब्रह्मा जी से वरदान पा रखा था. साथ ही वरदान के अनुसार वह किसी पुरुष देवता  के द्वारा नहीं मारा जा सकता था. तो सारे देवताओं ने अपनी अपनी शक्ति देवी दुर्गा को दी. देवी दुर्गा ने अपने स्वरुप से 64 अन्य देवियों को प्रकट किया जिसमें देवताओं की शक्तियों के स्त्री स्वरुप भी थे. तब 64 योगिनियों के साथ काली देवी स्त्री रूप में रक्त बीज  का संहार किया और उसका रक्त धरती पर गिरने से पहले ही पी लिया. जिससे रक्तबीज रक्तहीन होकर मारा गया. इस 64 योगिनी मंदिर उड़ीसा में गणेश जी का स्त्री रूप गणेशी, विष्णु के वराह स्वरुप का स्त्री रूप वाराही, नारायण रूप का स्त्री रूप नारायणी, नरसिंह का नरसिंहणी, रूप आदि की मूर्तियाँ हैं.
इन स्त्री रूपों की मूर्तियाँ खजुराहो मंदिरों में भी हैं. 

64 योगिनी

64 योगिनी गावत नृत्य करत भैरों. ये तो आपने सुना होगा. पार्वती स्वरुप दुर्गा देवी की सहायक 64 योगिनियाँ जिन्होंने रक्त बीज और अन्य राक्षसों का वध किया था उनका तंत्र मंदिर ओड़िसा के हीरा पुर में भुवनेश्वर से 20 किमी दूर स्थित है. जिसमें पुजारी जी 64 योगिनियों के नाम बता रहे हैं और उनके वाहन का नाम बता रहे हैं. ये बेसाल्ट पत्थर की बनी हैं. रक्त बीज राक्षस का वध देवता नहीं कर सकते थे देवियाँ ही कर सकती थीं. (कुछ देवताओं ने भी देवी स्वरुप धारण किया था*.)  25 फीट व्यास के वृत्त वाले इस छोटे से मंदिर के प्रवेश द्वार पर दो द्वारपाल जिनको जय- विजय बोलते हैं. इस मंदिर के अन्दर दो प्रहरी काल- विकाल की मूर्तियाँ हैं. मंदिर की बाहरी दीवारों पर नौ देवियाँ विराजित हैं. मंदिर के अन्दर योगिनियाँ विराजित हैं. योगिनियों के नाम और उनकी सवारी इस प्रकार बताये जाते हैं.

क्रम

योगिनी का नाम

सवारी

1.                   

चंडिका

लाश

2.                   

तारा देवी

लाश

3.                   

नर्मदा

हाथी

4.                   

यमुना

कछुआ

5.                   

महानंदा

कमल

6.                   

विरूपा

जल

7.                   

गौरी

इगुवाना

8.                   

इन्द्राणी*

हाथी

9.                   

वाराही* (सूअर मुख)

बैल

10.              

पद्मावती

सांप

11.              

अष्टग्रीवा*/ मुराती (बन्दर मुख)

ऊंट

12.              

वैष्णवी

उल्लू

13.              

पञ्च वाराही

सूअर

14.              

वाद्य रुपी

ड्रम

15.              

चर्चिका

डेमन

16.              

वेताली

मछली

17.              

छिन्नमस्ता

खोपड़ी

18.              

विंध्यवासिनी/ वृषभ नैना (बैल मुख)

पर्वत

19.              

जल कामिनी

मेंढक

20.              

घटावरी

शेर

21.              

ककोराती

शेर

22.              

सरस्वती

सांप

23.              

विरूपा

तरंगें

24.              

कुबेरी

माणिक

25.              

भालुकी/ जामवंती (भालू मुख)

फूल

26.              

नरसिंही (सिंह मुखी)

फूल

27.              

हिरोपा

कमल

28.              

विकट नयना (गरुड़ी)* (गरुड़ मुख)

 

29.              

महालक्ष्मी

कमल

30.              

कुमारी

मोर

31.              

महामाया (दुर्गा)

शेर

32.              

रति

कामदेव

33.             

करकरी

क्राफ

34.              

सर्पी/सर्पशी/ चित्तला

सेकोग्रफी

35.              

यशी

स्टूल

36.              

अघोरी

बकरी

37.              

रूद्र काली

कौआ

38.              

गणेशी*/विनायकी/मातंगी/गजाननी

(हाथी मुख)

गधा/चूहा

39.              

विन्ध्यावाहिनी

चूहा/सूअर

40.              

वीर कुमारी

छिपकली

41.              

महेश्वरी

बैल

42.              

अम्बिका

मंगूस

43.              

कामख्या देवी

मुर्गी

44.              

घटोवरी

शेर

45.              

स्तुति

संदल पात्र

46.              

काली

शिव

47.              

बालुकी/ उमा

फूल

48.              

नारायणी*

मिट्टी का बर्तन

49.              

समुद्री

कौंच

50.              

ब्रह्माणी*

वेद/ किताब

51.              

ज्वालामुखी/ हयग्रीवी*(घोड़ा मुख)

बर्तन

52.              

अग्निहोत्री

जहाज

53.              

अदिति

तोता

54.              

बगलामुखी

 

55.              

वायुवेगी

याक

56.              

चामुण्डा/काली

मस्कडेव

57.              

मारुती

हिरन

58.              

गंगा

मगरमच्छ

59.              

धूमावती

बतख

60.              

गांधारी

गधा

61.              

missing    (केंद्र में)

-

62.              

अजिता     (केंद्र में)

हिरन

63.              

सूर्य पुत्री    (केंद्र में)

घोड़ा

64.              

वायुवीणा   (केंद्र में)

-

 

 4 भैरव

 

1.

काल भैरव

 

2.

एक पाद भैरव

 

3.

उर्नत भैरव

 

4.

रूद्र भैरव

 


Other videos
part 1 https://www.youtube.com/watch?v=lRzyTc3z-xQ
part 2 https://www.youtube.com/watch?v=MAPsWAGGJPc
part 3 https://www.youtube.com/watch?v=NtkvVSJCswk&t=39s






































































Saturday, March 30, 2024

भजन स्वरलिपि गुजराती, भाग- 6

 भजन स्वरलिपि गुजराती, भाग-6 

भजन स्वरलिपि गुजराती, भाग-6 उपलब्ध है. खरीदने के लिए पुस्तक पर क्लिक्क करें.

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यह किताब हिंदी में भी उपलब्ध है. खरीदने के लिए पुस्तक पर क्लिक करें.

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Bhajan swarlipi, part-6

if you aren't finding the book then email at vinod66vk@gmail.com or whatsapp at 9452904656



हनुमान भजन जाने जाने है रे सारा जग जाने महिमा हनुमान की लिरिक्स lyrics


Hanuman ji

 गायक: पं. गोपाल शर्मा, पं. सुखदेव शर्मा

हनुमान भजन, बजरंग बली, पवन पुत्र,

हनुमान भजन जाने जाने है रे सारा जग जाने महिमा हनुमान की लिरिक्स  lyrics


संकट मोचन शरण तिहारी आये जो,

सब कष्टों से स्वयं पार हो जाये वो

जाने जाने है रे सारा जग जाने, महिमा हनुमान की 

ओ जाने जाने है रे सारा जग जाने, महिमा हनुमान की

 

बहुत बली हैं, बहुत भले हैं, बहुत विकट बजरंगी -2

दुष्ट जनों के तुम संहारक, भक्त जनों के संगी तेरा

चरित बड़ा बहुरंगी, तेरा, चरित बड़ा बहुरंगी

गावे गावे ओ सारा जग गावे, महिमा तेरे नाम की

ओ जाने जाने है रे सारा जग जाने, महिमा हनुमान की

 

खेल खेल में, सौ योजन का, सिन्धु लांघ दिखलाया -2

बन अशोक को तोड़ तोड़कर, लंका नगर जलाया, तूने

अद्भुत कर्म दिखाया, तूने, अद्भुत कर्म दिखाया

ध्यावे ध्यावे है रे सारा जग ध्यावे, मूरति बलवान की

ओ जाने जाने है रे सारा जग जाने, महिमा हनुमान की

 

तेरे राम, प्रेम की गाथा, चर्चित है जन जन में -2

वक्ष चीर के, दिखलाया था, राम बिराजे मन में, जय जय

कार हुई कण कण में, जय जय कार हुई कण कण में

पावे पावे रे तेरे से ही पावे, भक्ति सियाराम की

ओ जाने जाने है रे सारा जग जाने, महिमा हनुमान की