Tuesday, March 15, 2022
भजन स्वरलिपि भाग 1,2,3 पुस्तकें bhajan swarlipi books Part 1,2,3, details
Wednesday, February 2, 2022
dukhon ka le ke bojh bhatakun दुखों का ले के बोझ भटकूँ
dukhon ka le ke bojh bhatakun roz subaho shaam
tere siva ab kaun hai duniya mein mere raam
kaisi ye mushkil aa padi har jeev hai pareshaan
insaan jag mein fir rahaa taj chain aur aaraam
dar ka aalam hai ye
kaisa tham gaya hai jahaan
is rog ka hal tum bataao ae mere bhagwaan
main das hun tum naath ho kuchh to taras dikhla
bigdi sabhi ban jaaye prabhu aisi karo kirpa
दुखों का ले के बोझ भटकूँ रोज़ सुबहो शाम |
तेरे सिवा अब कौन है दुनिया में मेरे राम || दुखों का ले के..
कैसी ये मुश्किल आ पड़ी हर जीव है परेशान |
इंसान जग में फिर रहा तज चैन और आराम || दुखों का ले के..
डर का- आलम है ये कैसा थम गया है जहान |
इस रोग का हल तुम बताओ ऐ मेरे भगवान || दुखों का ले के..
मैं दास हूँ तुम नाथ हो कुछ तो तरस दिखला |
बिगड़ी सभी बन जाए प्रभु ऎसी करो किरपा || दुखों का ले के..
tune mujhe bulaya sherawaaliye तूने मुझे बुलाया शेराँ वालिये
saanchi jyotawaali maata, teri jai jia kaar
jai jia kaar jai jia kaar jai jia kaar
tune mujhe bulaya sherawaaliye, mein aya mein aya
sherawaaliye
oh jyotawaaliye, paharawaaliye, oh mehrawaaliye
tune mujhe bulaya sherawaaliye, mein aya mein aya
sherawaaliye
saara jag hai ik banjaara, sab kii manzil tera dwaara
unche parbat lamba rasta, par mein rah na paaya sherawaaliye
tune mujhe bulaya sherawaaliye, mein aya mein aya sherawaaliye
sune mann mein ja gayi baati, tere path mein mil gayi
saathi
munh kholun kya tujh se mangu bin mange sab paya sherawaliye
tune mujhe bulaya sherawaaliye, mein aya mein aya sherawaaliye
kaun hai raja kaun bikhari ek barabar tere sare pujari
tune sab ko darshan deke, apne gale lagaya sherawaaliye
tune mujhe bulaya sherawaaliye, mein aya mein aya sherawaaliye
oh prem se bolo jai maata di (jmd), o sare bolo, jmd
o aate bolo, jmd o jate bolo, jmd
o kasht nivare, jmd ma paar utaare, jmd
devi maa bholi, jmd ma bharde jholi, jmd
o jode darpan, jmd maa de ke darshan jmd
jai maata di,
o shrewali ki jai jai, pahada wali ki
jai
vaishno rani ki jai, ambe rani ki jai, pahada wali ki jai
साँची ज्योतो वाली माता, तेरी जय जय कार ।
जय जय
कार । जय जय कार । जय जय कार ।
तूने
मुझे बुलाया शेराँ वालिये, मैं आया मैं आया शेराँ वालिये -2
ओ ज्योतां
वालिये, पहाड़ां
वालिये,
ओ मेहराँ वालिये ॥ तूने मुझे बुलाया......
सारा जग
है इक बंजारा, सब की मंजिल तेरा द्वारा ।
ऊँचे
परबत लम्बा रास्ता, पर मैं रह ना पाया, शेराँ वालिये ॥ तूने मुझे बुलाया....
सूने मन
में जल गयी बाती, तेरे पथ में मिल गए साथी ।
मुंह
खोलूं क्या तुझ से मांगूं, बिन मांगे सब पाया, शेराँ वालिये ॥तूने मुझे
बुलाया...
कौन है राजा, कौन भिखारी, एक बराबर तेरे सारे पुजारी ।
तूने सब
को दर्शन देके, अपने गले लगाया, शेराँ वालिये ॥ तूने मुझे बुलाया.....
ओ प्रेम
से बोलो, जय
माता दी ॥ ओ सारे बोलो, जय माता दी ॥
ओ आते
बोलो,
जय माता
दी ॥ ओ जाते बोलो, जय माता दी ॥
माँ कष्ट
निवारे, जय
माता दी ॥ माँ पार उतारे, जय माता दी ॥
देवी
माँ भोली, जय
माता दी ॥ माँ भर दे झोली, जय माता दी ॥
ओ जोड़े दरपन, जय माता दी ॥ माँ दे के दर्शन, जय माता दी ॥
ओ जय
माता दी, जय
माता दी ॥
जय-- माता दी------------ ,
शेरां वाली की जय पहा--ड़ां वा--ली की जय
वैष्णो रानी की जय, अंबे रानी
की जय,
पहाड़ां वाली की जय
tum dhundho mujhe gopal तुम ढून्ढों मुझे गोपाल lyrics in Hindi and English
tum dhundho mujhe gopal, main khoyi gaiyya teri
sud lo meri gopal, main khoyi gaiyya teri
paanch vikar se hanki jaaye,paanch tatva ki ye dehii
barbas bhatki door kahin main, chain na paaun ab kehi
ye kaisa mayajaal main ulajhi gaiyya teri
sudh lo mori gopal main uljhi gaiyya teri
tum dhoondho mujhe gopal mai, khoyee gaiya teri
jamuna tat na nandan van na gopi gwal koi dikhe
kusum lata na teri chhata na paakhh pakheru koi dikhe
ab sanjh bhayee ghanshyam mai vyakul gaiya teri
sud lo meri gopal main vyakul gaiyya teri
tum dhoondho mujhe gopal mai, khoyee gaiya teri
kit paaun taruvar ki chhaaon jit saje krishna kanhaiya
man ka taap shaap bhatkan ka tum hi haro hari raas
rachaiya
ab mook niharun baant prabhu ji main gaiyya teri
sud lo meri gopal, main khoyi gaiyya teri
tum dhundho mujhe gopal, main khoyi gaiyya teri
bansi ke swar naad pe tero madhur taan se mujhe pukaro
radha krishna govind hari har murali manohar naam
tiharo
mujhe ubaaro hey gopol main khoyi gaiyya teri
sud lo meri gopal, main khoyi gaiyya teri
tum dhundho mujhe gopal, main khoyi gaiyya teri
तुम ढून्ढों मुझे गोपाल, मैं खोई
गैया तेरी
सुध लो मोरी गोपाल, मैं खोई
गैया तेरी
पाँच विकार से हाँकी जाये पाँच तत्व
की ये देही
बरबस भटकी दूर कहीं मैं, चैन न पाऊं अब केहीं
ये कैसा मायाजाल, मैं उलझी गैया तेरी
सुध लो मोरी गोपाल, मै उलझी गैया तेरी
जमुना तट न, नन्दन वन न,
गोपी
ग्वाल कोई दीखे
कुसुम लता न, तेरी छटा न, पाख पखेरू कोई दीखे
अब सांझ
भई घनश्याम, मैं व्याकुल गैया तेरी
सुध लो
मोरी गोपाल, मै व्याकुल गैया तेरी
कित
पाऊं तरुवर की छांव, जित साजे कृष्ण:
कन्हैया
मन का ताप,
शाप
भट्कन का, तुम ही हरो, हरि रास रचैया
अब मूक निहारूं बाट, प्रभु जी मैं गैया तेरी
सुध लो
मोरी गोपाल, मै खोई गैया तेरी
बंसी के स्वर नाद पे तेरो मधुर तान से
मुझे पुकारो
राधा कृष्ण गोविन्द हरि हर, मुरली मनोहर नाम तिहारो
मुझे उबारो
हे
गोपाल, मैं खोई गैया
तेरी
सुध लो
मोरी गोपाल, मै खोई गैया तेरी
Sat guru main teri patang सतगुरु मैं तेरी पतंग
Sat guru main teri patang, Baba main teri patang
Hawa vich ud di jawangi -2
saaiyaan dor hatthon chhadi na main katti jawangi
Badi mushkil de naal mileya mainu tera dwaraa ae-2
Mainu ikko tera aasra, naale tera sahara ae-2
Hun tere hi bharose Hawa vich ud di jawangi-2
Saiyaan dor hatthon chhadi na main katti jawangi
Aina charna kamla naalo mainu dur hatai na-2
is jhoothe jag de andar mera pecha layi na-2
Je kat gayi taa Sat guru phir main lutti jawangi-2
Saiyaan dor hatthon chhadi na main, katti jawangi
Ajj malleya buhaa aake main tere dware da-2
Hatth rakh de ik baari tu mere sir te pyaara da-2
fir janam maran de gehde tau main bachdi jawangi-2
Saiyaan dor hatthon chhadi na main katti jawangi
सतगुरु मैं तेरी पतंग, बाबा मैं तेरी पतंग,
हवा विच
उडदी जावांगी, हवा विच उडदी जावांगी ।
साईयां
डोर हत्थों छड्डी ना, मैं कट्टी जावांगी ॥
बड़ी मुश्किल दे नाल मिलया मैनूं तेरा दवारा है ।
मैनूं इक्को
तेरा आसरा नाले तेरा सहारा है ।
हुन
तेरे ही भरोसे, हवा विच उडदी जावांगी,
साईयां
डोर हत्थों छड्डी ना, मैं कट्टी जावांगी ॥
ऐना चरनाँ
कमलाँ नालों मैनूं दूर हटावी ना ।
इस झूठे
जग दे अन्दर मेरा पेचा लांई ना ।
जे कट
गयी ताँ सतगुरु, फेर मैं लुट्टी जावांगी,
साईयां
डोर हत्थों छड्डी ना, मैं कट्टी जावांगी ॥
अज्ज
मलेया बूहा आके मैं तेरे द्वार दा ।
हाथ रख
दे एक वारी तूं मेरे सिर ते प्यार दा ।
फिर जनम
मरण दे गेड़े तो मैं बचदी जावांगी,
साईयां
डोर हत्थों छड्डी ना, मैं कट्टी जावांगी ॥
Tuesday, February 1, 2022
Shri Ram Stuti, Sri Ramchandra kripalu bhajuman, श्री राम चन्द्र कृपालु भजुमन
shri ram chandra kripalu bhaju mana harana bhavabhaya
darunam
navakanj lochana kanjamukh kara kanjapada kanjaarunam
kandarpa aganeeta ameeta chabi nava neela neeraja
sundaram
patapeeta maanahu tarita ruchi-suchi naumi janaka sutaavaram
bhaju deena bandhu dinesha daanava
daitya-vansha-nikandam
raghunanda aanand kanda kaushala chanda dasharatha nandanam
sira mukuta kundala tilak chaaru udaaru anga
vibhushanam
aajaanubhuj sar chapadhara sangraama-jita-khara dushnam
iti vadati tulsidas shankara shesh muni mana ranjanam
mama hridaya kanj nivaas kuru kaamaadi khaladal ganjanam
man jaahi raachyo milahi so var sahaj sundar saanvaro
karuna nidhaan sujaan sheel saneh jaanat ravaro
ehi bhanti gauri asees suni siya sahit hiya harshit
ali
tulasi bhavaanihi puji puni puni mudit man mandir
chali
so: jaani gauri anukuul siya hiya harashu n jaai kahi
manjul
mangal muul baam ang farkan lage
श्री रामचन्द्र कृपालु भजुमन हरण भवभय दारुणं ।
नव कंज लोचन कंज मुख कर कंज पद कंजारुणं ॥1॥
कन्दर्प अगणित अमित छवि नव नील नीरद सुन्दरं ।
पटपीत मानहुँ तडित रुचि शुचि नोमि जनक सुतावरं ॥2॥
भजु दीनबन्धु दिनेश दानव दैत्य वंश निकन्दनं ।
रघुनन्द आनन्द कन्द कोशल चन्द दशरथ नन्दनं ॥3॥
सिर मुकुट कुंडल तिलक चारु उदारु अङ्ग विभूषणं ।
आजानु भुज शर चाप धर संग्राम जित खरदूषणं ॥4॥
इति वदति तुलसीदास शंकर शेष मुनि मन रंजनं ।
मम् हृदय कंज निवास कुरु कामादि खलदल गंजनं ॥5॥
मन जाहि राच्यो मिलहि सो वर सहज सुन्दर सांवरो ।
करुणा निधान सुजान शील स्नेह जानत रावरो ॥6॥
एहि भांति गौरी असीस सुन सिय सहित हिय हरषित अली।
तुलसी भवानिहि पूजी पुनि-पुनि मुदित मन मन्दिर चली ॥७॥
सो. जानि
गौरी अनुकूल सिय हिय हरषु न जाई कहि |
मंजुल
मंगल मूल बाम अंग फरकन लगे ||
Monday, January 31, 2022
ek hi baan pran hari linha एक ही बान प्रान हरि लीन्हा Pt. Prem Bhushan ji पं. प्रेम भूषण जी
LINK: https://www.youtube.com/watch?v=YBgYXVLL7AI
Pandit Prem Bhushan ji singing his famous Bhajan in Daadra Taal
here is its lyrics.एक ही बाण प्राण हरि लीन्हा
ek hi baan pran hari linha, deen jaan tehi nij pad
deenha
एक ही बान प्रान हरि लीन्हा दीन जान तेही निज पद दीन्हा (ताड़का के प्राण लिए)
जब जब मारा, तब तब तारा, भक्तों को तो प्रभु तेरा ही सहारा -2
(हाँ हाँ) जब जब मारा, तब तब तारा, भक्तों को तो प्रभु तेरा ही सहारा
श्याम हो चाहे रघुराई रे
(हाँ हाँ) श्याम हो चाहे रघुराई रे
भजो राधे गोविंदा
राम चरन चित लायी रे भजो राधे गोविंदा -2
भक्तन के सुखदाई रे भजो राधे गोविंदा
एक अयोध्या धाम में आया एक मथुरा का भाग बढाया -4
क्यों, भरत को दीन्ही बड़ाई रे
हाँ हाँ भरत को दीन्ही बड़ाई रे भजो राधे गोविंदा
राम चरन चित लायी रे भजो राधे गोविंदा -2
भक्तन के सुखदाई रे भजो राधे गोविंदा -2
सरयू किनारे एक धनुआ चलावे जमुना किनारे एक धेनु चराए -2
हाँ हाँ सरजू किनारे एक धनुआ चलावे जमुना किनारे एक धेनु चराए
साधु, ऊ भये जगत के सांई रे
हाँ हाँ, ऊ भये जगत के सांई रे भजो राधे गोविंदा
राम चरन चित लायी रे भजो राधे गोविंदा -2
भक्तन के सुखदाई रे भजो राधे गोविंदा -2
जन प्रहलाद को हरि ने बचाया अर्जुन को सत ज्ञान सिखाया -2
हाँ हाँ जन प्रहलाद को हरि ने बचाया अर्जुन को सत ज्ञान सिखाया
हो, सब बिधि लीन्ही अपनाई रे
हो, सब बिधि लीन्ही अपनाई रे भजो राधे गोविंदा
राम चरन चित लायी रे भजो राधे गोविंदा -2
भक्तन के सुखदाई रे भजो राधे गोविंदा -2
जो जन गावे सब कुछ पावे अंत समय प्रभु उर को जाये -4
मैंने भी नेह लगाईं रे
हाँ हाँ, मैंने भी नेह लगाईं रे भजो राधे गोविंदा
राम चरन चित लायी रे भजो राधे गोविंदा -2
भक्तन के सुखदाई रे भजो राधे गोविंदा -2
प्रेम से बोलो जय सिया रामा
श्री अवध में जय सिया रामा
सरजू किनारे जय सिया रामा
श्री अवध में जय सिया रामा
गोकुल भवन में जय सिया रामा
हरे राम जी जय सिया रामा
प्रेम से बोलो जय सिया रामा
Tuesday, October 26, 2021
श्री कृष्ण और पांडवों के शंख के नाम
गीता में भगवान श्री कृष्ण और पांडवों के शंख का वर्णन किया गया है
इनके पास महाशंख के नाम :-
१. श्री कृष्ण के शंख का नाम पान्चजन्य
२. अर्जुन '' " " " " देवदत्त
३. भीमसेन " " " " पोंड्र
इनके पास शंख के नाम
१. युधिष्ठिर -- अनन्तविजय
२. नकुल ---- सुघोष
३. सहदेव ----- मणिपुष्पक