Monday, January 31, 2022

ek hi baan pran hari linha एक ही बान प्रान हरि लीन्हा Pt. Prem Bhushan ji पं. प्रेम भूषण जी

 LINK: https://www.youtube.com/watch?v=YBgYXVLL7AI



Pandit Prem Bhushan ji singing his famous Bhajan in Daadra Taal

here is its lyrics.एक ही बाण प्राण हरि लीन्हा

ek hi baan pran hari linha, deen jaan tehi nij pad deenha

एक ही बान प्रान हरि लीन्हा  दीन जान  तेही निज पद दीन्हा  (ताड़का के प्राण लिए)

जब जब मारा, तब तब तारा, भक्तों को तो प्रभु तेरा ही सहारा -2

(हाँ हाँ) जब जब मारा, तब तब तारा, भक्तों को तो प्रभु तेरा ही सहारा

श्याम हो चाहे रघुराई रे 

(हाँ हाँ)  श्याम हो चाहे रघुराई रे भजो राधे गोविंदा

राम चरन चित लायी रे भजो राधे गोविंदा -2

भक्तन के सुखदाई रे भजो राधे गोविंदा

 

एक अयोध्या धाम में आया एक मथुरा का भाग बढाया -4

क्यों, भरत को दीन्ही बड़ाई रे

हाँ हाँ भरत को दीन्ही बड़ाई रे भजो राधे गोविंदा

राम चरन चित लायी रे भजो राधे गोविंदा -2

भक्तन के सुखदाई रे भजो राधे गोविंदा -2

सरयू किनारे एक धनुआ चलावे जमुना किनारे एक धेनु चराए -2

हाँ हाँ सरजू किनारे एक धनुआ चलावे जमुना किनारे एक धेनु चराए

साधु, ऊ भये जगत के सांई रे

हाँ हाँ, ऊ भये जगत के सांई रे भजो राधे गोविंदा

राम चरन चित लायी रे भजो राधे गोविंदा -2

भक्तन के सुखदाई रे भजो राधे गोविंदा -2

 

जन प्रहलाद को हरि ने बचाया अर्जुन को सत ज्ञान सिखाया -2

हाँ हाँ जन प्रहलाद को हरि ने बचाया अर्जुन को सत ज्ञान सिखाया

हो, सब बिधि लीन्ही अपनाई रे

हो, सब बिधि लीन्ही अपनाई रे भजो राधे गोविंदा

राम चरन चित लायी रे भजो राधे गोविंदा -2

भक्तन के सुखदाई रे भजो राधे गोविंदा -2

 

जो जन गावे सब कुछ पावे अंत समय प्रभु उर को जाये -4

मैंने भी नेह लगाईं रे

हाँ हाँ, मैंने भी नेह लगाईं रे भजो राधे गोविंदा

राम चरन चित लायी रे भजो राधे गोविंदा -2

भक्तन के सुखदाई रे भजो राधे गोविंदा -2

 

प्रेम से बोलो जय सिया रामा

श्री अवध में जय सिया रामा

सरजू किनारे जय सिया रामा

श्री अवध में जय सिया रामा

गोकुल भवन में जय सिया रामा                 

हरे राम जी जय सिया रामा

प्रेम से बोलो जय सिया रामा

राम चरन चित लायी रे भजो राधे गोविन्द 

Tuesday, October 26, 2021

श्री कृष्ण और पांडवों के शंख के नाम

 गीता में भगवान श्री कृष्ण  और पांडवों के शंख का वर्णन किया गया है 

इनके पास महाशंख के नाम :-

१. श्री कृष्ण के  शंख का नाम  पान्चजन्य

२. अर्जुन  ''   "    "    "   "   देवदत्त

३. भीमसेन  "   "   "    "   पोंड्र

इनके पास शंख के नाम 

१. युधिष्ठिर --     अनन्तविजय 

२. नकुल ----     सुघोष 

३. सहदेव ----- मणिपुष्पक

Saturday, June 26, 2021

Bhajan Swarlipi, Part-2 भजन स्वरलिपि, भाग-2

Bhajan Swarlipi, Part-2  भजन स्वरलिपि, भाग-2

जीवन चार दिनों का मेला है. इसे व्यर्थ ना गंवाईये. मनुष्य जन्म बड़े भाग्य से मिला है. प्रभु भक्ति करके इसे संवारिये. जीवन की भाग दौड़ लगी रहेगी. कुछ पल प्रभु के गुणगान में बिताइये. अंत समय कुछ साथ न जायेगा. एक तेरा प्रभु नाम सुमिरन भव सागर से पार लगायेगा. प्रभु भजन गाकर हरि चरणों में मोक्ष को प्राप्त करें.

सियावर रामचन्द्र की जय.  ॐ नमः शिवाय.

Bhajan Swarlipi, Part-2

1.           A अब कैसे छूटे राम नाम रट लागी

2.           A आओ कन्हाई मेरे धाम 

3.           B बड़ा नटखट है रे कृष्ण कन्हैया   

4.           B भजो मधुरा हरि नाम जपो रे       

5.           C छाप तिलक सब छीनी  

6.           D दईया रे दईया यशोदा मैया       

7.           D दया कर दान भक्ति का

8.           D दर्शन दो घनश्याम नाथ 

9.           G गोकुल की गलियों का ग्वाला     

10.         H हम को मन की शक्ति देना        

11.         H हर हर भोले मेरे प्यारे प्यारे        

12.         H हे रे कन्हैया किसको कहेगा तू मैया         

13.         M महादेव शंकर हैं जग से निराले 

14.         Oओ कान्हा मुझको भी रंग ले अपने रंग में  

15.         P पायो जी मैंने राम रतन धन पायो 

16.         P प्रार्थना सुनिये श्री भगवान           

17.         P प्रेम मुदित मन से कहो  

18.         R रघुवर तुमको मेरी लाज

19.         R राम कृष्ण हरी 

20.         S श्री राधा मोहन श्याम शोभन       

21.         S संकीर्तन 1 हरे राम हरे कृष्ण महामन्त्र (21-32 in different Ragas and laya taal)

22.         S संकीर्तन 10 हरे राम हरे कृष्ण महामन्त्र    

23.         S संकीर्तन 11 हरे राम हरे कृष्ण महामन्त्र    

24.         S संकीर्तन 12 हरे राम हरे कृष्ण महामन्त्र    

25.         S संकीर्तन 2 हरे राम हरे कृष्ण महामन्त्र      

26.         S संकीर्तन 3 हरे राम हरे कृष्ण महामन्त्र      

27.         S संकीर्तन 4 हरे राम हरे कृष्ण महामन्त्र      

28.         S संकीर्तन 5 हरे राम हरे कृष्ण महामन्त्र      

29.         S संकीर्तन 6 हरे राम हरे कृष्ण महामन्त्र      

30.         S संकीर्तन 7 हरे राम हरे कृष्ण महामन्त्र      

31.         S संकीर्तन 8 हरे राम हरे कृष्ण महामन्त्र      

32.         S संकीर्तन 9 हरे राम हरे कृष्ण महामन्त्र      

33.         S सत्यम् शिवम् सुन्दरम्   

34.         S सुबह सुबह ले शिव का नाम       

35.         T ठुमक चलत रामचंद्र     

36.         T तू प्यार का सागर है      

37.         T तू ही दुर्गा तू ही भवानी  

38.         T तेरी गठरी में लगा चोर मुसाफ़िर 

39.         T तेरे नैना क्यों भर आये   

40.         T तोरा मन दर्पन कहलाए

41.         U ऊपर गगन विशाल     

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Bhajan Swarlipi, Part -1 भजन स्वरलिपि भाग -1

Bhajan Swarlipi, Part -1  भजन स्वरलिपि भाग -1

भजनों और आरतियों की स्वरलिपि

जीवन चार दिनों का मेला है. इसे व्यर्थ ना गंवाईये. मनुष्य जन्म बड़े भाग्य से मिला है. प्रभु भक्ति करके इसे संवारिये. जीवन की भाग दौड़ लगी रहेगी. कुछ पल प्रभु के गुणगान में बिताइये. अंत समय कुछ साथ न जायेगा. एक तेरा प्रभु नाम सुमिरन भव सागर से पार लगायेगा. प्रभु भजन गाकर हरि चरणों में मोक्ष को प्राप्त करें.

सियावर रामचन्द्र की जय.  ॐ नमः शिवाय.


Bhajan Swarlipi, Part-1

1.           A अँखियाँ हरि दर्शन की प्यासी    13

2.           A अब तो माधव मोहि उबार      19

3.           A अब सौंप दिया इस जीवन का   22

4.           A अल्ला तेरो नाम ईश्वर तेरो नाम 25

5.           A ऐ मालिक तेरे बन्दे हम               30

6.           C चल उड़ जा रे पंछी                  34

7.           C चली कौन से देस गुजरिया      40

8.           C चलो मन जाएँ घर अपने        44

9.           D दुर्गा है मेरी माँ                      46

10.         E एक ओंकार सतनाम                  49

11          H हम भी सखा तुम्हारे हैं               51

12.         H हे दुःख भंजन मारुति नंदन     54

13.         H हे भोल्या शंकरा मराठी             56

14.         H हो जा राम नाम का पक्का     58

15.         I इक झोली में फूल खिले हैं      62

16.         J जय जय हे जगदम्बे माता      65

17.         J जय राधा माधव                   69

18.         K कृष्ण जिनका नाम है              73

19.         M मन्त्र कर्पूर गौरं करुणावतारं    77

20.         M मन्त्र गजाननं भूत गणादि सेवितं78

21.         M महा मृत्युंजय मन्त्र                  78

22.         O ॐ जय जगदीश हरे                  80

23.         O ॐ नमः शिवाय                     82

24.         O ॐ नमः शिवाय                     84

25.         S श्री गणेश आरती                     86

26.         S श्री गणेश आरती                     88

27.         S संकीर्तन 1 गोविन्द हरे गोपाल बोलो     93

28.         S संकीर्तन 2 गोविन्द बोलो हरि गोपाल बोलो  95

29.         S संकीर्तन 3 गोविन्द जै जै गोपाल जै जै   96

30.         S संकीर्तन 4 श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी   97

31.         S संकीर्तन 5 बोलो श्री राम जय राम       98

32.         S संकीर्तन 6 हरे रामा हरे रामा                99

33.         S संकीर्तन 7 हरे रामा हरे रामा               100

34.         S संकीर्तन 8 सारे बोलो जय माता दी      101

35.         S संकीर्तन 9 हरे रामा हरे रामा                101

36.         S संकीर्तन 10 जपो राधे गोविन्द              103

37.         S संकीर्तन 11 मुकुंद माधव गोविन्द बोल   104

38.         S संकीर्तन 12 भजमन नारायण               105

39.         S सुबह सुबह ले शिव का नाम                 107

40.         S सूरज की गर्मी से जलते हुए तन को     109

41.         T तुम बिन मोरी कौन खबर ले                114

42.         T तोसो लाग्यो नेह रे प्यारे                        118

43.         T त्रिदेव आरती                                       120

44.         Z ज़िन्दगी का सफ़र है ये कैसा सफ़र      125


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