Sunday, September 15, 2024

Durga Devi Stuti देवी स्तुति

 


देवी.........    जग  जननी   शक्ति  माता

 

प्रणव       स्वरूपिणी     प्राणेश्वरी

देवी.........    जग  जननी   शक्ति  माता

 

ज्ञान     प्रदायिनी      ज्ञानेश्वरी

त्रिपुर     सुंदरी      दाक्षायिनी

देवी.........    जग  जननी   शक्ति  माता

 

भगवती       भारती    नारायणी

देवी    नारायणी   देवी   नारायणी

देवी.........    जग  जननी   शक्ति  माता

 

जगदीश्वरी             जगन्मोहिनी

करुणामयी        सत्य    नारायणी

देवी.........    जग  जननी   शक्ति  माता


दुर्गा है मेरी माँ, अम्बे है मेरी माँ mahendra kapoor Durga hai meri maa ambe hai meri maa

 


1.   दुर्गा है मेरी माँ

फिल्म: क्रांति  (1981)

गीतकार: संतोष आनंद

ताल: कहरवा दुगुन                     

संगीतकार: लक्ष्मीकांत प्यारेलाल

गायक: महेंद्र कपूर, मीनू पुरुषोत्तम

कोर्ड:  सागप    सा=E

 

जयकारा शेरां वाली का – बोल सांचे दरबार की जय

दुर्गा है मेरी माँ, अम्बे है मेरी माँ॥


ओ बोलो जय माता दी, जय हो॥
जो भी दर पे आए, जय हो॥
वो खाली न जाए, जय हो॥
सबके काम है करती, जय हो॥
सबके दुखड़े हरती, जय हो॥
ओ मैया शेरों वाली, जय हो॥
ओ भरदे झोली खाली, जय हो॥
ओ मैया शेरों वाली, जय हो॥
ओ भरदे झोली खाली, जय हो॥
दुर्गा है मेरी माँ, अम्बे है मेरी माँ॥

पूरे करे अरमान जो सारे,
देती है वरदान जो सारे
दुर्गा है मेरी माँ, अम्बे है मेरी माँ॥

 

सारे जग को खेल खिलाये
बिछड़ों को जो खूब मिलाये, बिछड़ों को जो खूब मिलाये-3

दुर्गे मेरिये राणिये
बिछड़ों को जो खूब मिलाये
दुर्गा है मेरी माँ, अम्बे है मेरी माँ॥
शेरों वालिये, जोतां वालिये, उच्चे मंदरां वालिये, शेरों वालिये


द्वारे चलिए, मैया के द्वारे चलिए लक्खा Dware chaliye maiya ke dware chaliye

 


1.   द्वारे चलिए मैया के द्वारे चलिए

गीतकार: सरल शर्मा

ताल: कहरवा

गायक: लखबीर सिंह ‘लक्खा’

कोर्ड: रेगध      सा=C#

विडियो लिंक: https://www.youtube.com/watch?v=CFiqd23L2e4

 

द्वारे चलिए, मैया के द्वारे चलिए-4 जय हो
ले आया, ले आया... ले आया सावन का मेला, लेने नज़ारे चलिए

जय माता की, जय माता की
सारे बोलो, "जय माता की"

हाँ, रिमझिम-रिमझिम सावन बरसे आई रुत मतवाली
जय माता की (जय माता की) -2
रिमझिम-रिमझिम सावन बरसे, आई रुत मतवाली
"जय माँ, जय माँ, " कोयल बोले, बैठ आम की डाली
ऊँचे पर्वत, भवन सुनहरा, छाई है हरियाली
पिंडी रूप विराजे मैया, भक्तों की प्रतिपाली

आया, होए, आया...
होए, आया सावन का मेला, लेने नज़ारे चलिए
(ले आया सावन का मेला, लेने नज़ारे चलिए)

द्वारे चलिए, मैया के द्वारे चलिए
चलिए, द्वारे चलिए, मैया के द्वारे चलिए

 

होए, भक्तों के चल पड़े हैं टोले लाल ध्वजा लहराते
जय माता की (जय माता की) -2
भक्तों के चल पड़े हैं टोले, लाल ध्वजा लहराते
झाँझ, मँजीरा, ढोलक ले गुणगान मैया का गाते
पाँव में पड़ गए हैं छाले, फिर भी चलते जाते
लाख मुसीबत आए, माँ के भक्त नहीं घबराते

होए, आया, होए, आया...
होए, आया सावन का मेला, लेने नज़ारे चलिए
(ले आया सावन का मेला, लेने नज़ारे चलिए)

चलो, द्वारे चलिए, मैया के द्वारे चलिए
(द्वारे चलिए, मैया के द्वारे चलिए)

जय माता की, जय माता की सारे बोलो, "जय माता की" -2

अरे, छोड़ मोह दुनिया का, लक्खा बन जा माँ का चाकर
जय माता की (जय माता की)-2
ओए, छोड़ मोह दुनिया का, लक्खा, बन जा माँ का चाकर
कर ले अपनी सफ़ल ज़िंदगी माँ की शरण में आकर
सच है कितने पापी तर गए माँ की महिमा गाकर
फिर बोल सरल तू "जय माता की, " दोनों हाथ उठाकर

आया, होए, आया... होए, आया सावन का मेला, लेने नज़ारे चलिए
(ले आया सावन का मेला, लेने नज़ारे चलिए)

चलो, द्वारे चलिए, मैया के द्वारे चलिए -4
होए, आया, होए, आया... होए, आया सावन का मेला, लेने नज़ारे चलिए
(ले आया सावन का मेला, लेने नज़ारे चलिए)
आया सावन का मेला, लेने नज़ारे चलिए -4(जय हो) 


चलो बुलावा आया है माता ने बुलाया है चंचल Chalo bulawa aaya hai chanchal, mahendra kapoor, asha bhonsle

 


1.   चलो बुलावा आया है माता ने बुलाया है

फिल्म: अवतार (1983 )

गीतकार: आनंद बक्शी

ताल: कहरवा

संगीतकार:  लक्ष्मीकांत प्यारेलाल 

गायक: चंचल, महेंद्र कपूर, आशा

कोर्ड: साप  सा=A# (very high scale)

 (अपने हिसाब से low scale में बजाएं)

 

माता जिनको याद करे वो लोग निराले होते हैं
माता जिनका नाम पुकारे किस्मत वाले होते हैं
चलो बुलावा आया है माता ने बुलाया है
चलो बुलावा आया है. माता ने बुलाया है, जय माता दी
चलो बुलावा आया है माता ने बुलाया है
ऊँचे पर्वत पे रानी मां ने दरबार लगाया है
चलो बुलावा आया है माता ने बुलाया है, जय माता दी
चलो बुलावा आया है माता ने बुलाया है

 

सारे जग में एक ठिकाना सारे गम के मारों का
रास्ता देख रही है माता अपनी आंख के तारों का
मस्त हवाओं का एक झोंका ये संदेसा लाया है
चलो बुलावा आया है माता ने बुलाया है
जय माता दी जय माता दी....
कहते जाओ जय माता दी
जय माता दी जय माता दी....
कहते जाओ जय माता दी
जय माता दी कहते जाओ आने जाने वालों को
चलते जाओ तुम मत देखो अपने पाँव के छालों को.
जिसने जितना दर्द सहा है उतना चैन भी पाया है
चलो बुलावा आया है माता ने बुलाया है, जय माता दी

 

वैष्णों देवी के मंदिर में, लोग मुरादें पाते हैं
रोते रोते आते हैं, हँसते हँसते जाते हैं
रोते रोते आते है, हँसते हँसते जाते हैं
मैं भी मांग के देखूं जिसने जो मांगा वो पाया है
चलो बुलावा आया है माता ने बुलाया है, जय माता दी

 

मैं भी तो एक माँ हूँ माता, माँ ही माँ को पहचाने.
बेटे का दुःख क्या होता है और कोई ये क्या जाने
उसका खून मैं देखूं कैसे जिसको दूध पिलाया है
हो चलो बुलावा आया है माता ने बुलाया है.

चलो बुलावा आया है माता ने बुलाया है...


तो प्रेम से बोलो-जय माता दी, सारे बोलो-जय माता दी...
विश्नो रानी-जय माता दी, अम्बे कल्याणी-जय माता दी
माँ भोली भाली-जय माता दी, माँ शेरों वाली-जय माता दी
झोली भर देती-जय माता दी, संकट हर लेती-जय माता दी
जय मा ता     दी...

बेटा बुलाए, झट दौड़ी चली आए माँ लक्खा beta bulaye jhat daudi chali aaye ma Lakkha

 

1.   बेटा बुलाए झट दौड़ी चली आए माँ

गीतकार: सरल शर्मा

ताल: कहरवा

गायक: लखबीर सिंह ‘लक्खा’

कोर्ड: रेमध  मधसां     सा=G#

विडियो लिंक: https://www.youtube.com/watch?v=iAszNuyqnEQ

 


मैं नहीं जानूँ पूजा तेरी, पर तू ना करना, मैया, देरी
तेरा लक्खा तुझे पुकारे, लाज तू रख ले अब, माँ, मेरी

 

हाँ, बेटा बुलाए, झट दौड़ी चली आए माँ
अपने बच्चों के आँसू देख नहीं पाए माँ

वेद-पुराणों में भी माँ की महिमा का बखान है

वो भी झुकता माँ-चरणों में जिसने रचा जहान है
देव-ऋषी भी समझ ना पाएँ, ऐसी लीला रचाए माँ

बेटा बुलाए, झट दौड़ी चली आए माँ

होए, संकट-हरणी, वरदानी माँ, सबके दुखड़े दूर करे
शरण में आए दीन-दुखी की विनती माँ मंज़ूर करे
सारा जग जिसको ठुकरा दे, उसको गले लगाए माँ

बेटा, बेटा बुलाए, झट दौड़ी चली आए माँ

बिगड़ी तेरी बात बनेगी, माँ की महिमा गा के देख
खुशियों से भर जाएगा तू, झोली तो फैला के देख
झोली छोटी पड़ जाती है जब देने पे आए माँ

बेटा बुलाए, झट दौड़ी चली आए माँ

कबसे तेरी कचहरी में, माँ, लिखकर दे दी अर्जी
अपनाले, चाहे ठुकरा दे, आगे तेरी मर्जी
लक्खा ‘सरल’ खड़ा हाथ जोड़े, जो भी हुकूम सुनाए माँ

बेटा बुलाए, झट दौड़ी चली आए माँ