Sunday, September 15, 2024

द्वारे चलिए, मैया के द्वारे चलिए लक्खा Dware chaliye maiya ke dware chaliye

 


1.   द्वारे चलिए मैया के द्वारे चलिए

गीतकार: सरल शर्मा

ताल: कहरवा

गायक: लखबीर सिंह ‘लक्खा’

कोर्ड: रेगध      सा=C#

विडियो लिंक: https://www.youtube.com/watch?v=CFiqd23L2e4

 

द्वारे चलिए, मैया के द्वारे चलिए-4 जय हो
ले आया, ले आया... ले आया सावन का मेला, लेने नज़ारे चलिए

जय माता की, जय माता की
सारे बोलो, "जय माता की"

हाँ, रिमझिम-रिमझिम सावन बरसे आई रुत मतवाली
जय माता की (जय माता की) -2
रिमझिम-रिमझिम सावन बरसे, आई रुत मतवाली
"जय माँ, जय माँ, " कोयल बोले, बैठ आम की डाली
ऊँचे पर्वत, भवन सुनहरा, छाई है हरियाली
पिंडी रूप विराजे मैया, भक्तों की प्रतिपाली

आया, होए, आया...
होए, आया सावन का मेला, लेने नज़ारे चलिए
(ले आया सावन का मेला, लेने नज़ारे चलिए)

द्वारे चलिए, मैया के द्वारे चलिए
चलिए, द्वारे चलिए, मैया के द्वारे चलिए

 

होए, भक्तों के चल पड़े हैं टोले लाल ध्वजा लहराते
जय माता की (जय माता की) -2
भक्तों के चल पड़े हैं टोले, लाल ध्वजा लहराते
झाँझ, मँजीरा, ढोलक ले गुणगान मैया का गाते
पाँव में पड़ गए हैं छाले, फिर भी चलते जाते
लाख मुसीबत आए, माँ के भक्त नहीं घबराते

होए, आया, होए, आया...
होए, आया सावन का मेला, लेने नज़ारे चलिए
(ले आया सावन का मेला, लेने नज़ारे चलिए)

चलो, द्वारे चलिए, मैया के द्वारे चलिए
(द्वारे चलिए, मैया के द्वारे चलिए)

जय माता की, जय माता की सारे बोलो, "जय माता की" -2

अरे, छोड़ मोह दुनिया का, लक्खा बन जा माँ का चाकर
जय माता की (जय माता की)-2
ओए, छोड़ मोह दुनिया का, लक्खा, बन जा माँ का चाकर
कर ले अपनी सफ़ल ज़िंदगी माँ की शरण में आकर
सच है कितने पापी तर गए माँ की महिमा गाकर
फिर बोल सरल तू "जय माता की, " दोनों हाथ उठाकर

आया, होए, आया... होए, आया सावन का मेला, लेने नज़ारे चलिए
(ले आया सावन का मेला, लेने नज़ारे चलिए)

चलो, द्वारे चलिए, मैया के द्वारे चलिए -4
होए, आया, होए, आया... होए, आया सावन का मेला, लेने नज़ारे चलिए
(ले आया सावन का मेला, लेने नज़ारे चलिए)
आया सावन का मेला, लेने नज़ारे चलिए -4(जय हो) 


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